
* हार और जीत हमारी सोच पर निर्भर है । मान लिया तो हार और अगर ठान लिया
तो जीत
* कागज अपनी किस्मत से उड़ता है और पतंग अपनी काबलियत से, किस्मत साथ दे या न दे मगर काबलियत जरूर साथ देगी
* कुछ कर गुजरने के लिए मौसम नहीं मन चाहिए, साधन सभी जुट जाएंगे, बस संकल्प का धन होना चाहिए
* कोई लक्ष्य मनुष्य के साहस से बड़ा नहीं, हारा वही जो कभी लड़ा नहीं
* परमात्मा पर श्रद्धा और कर्मों का विश्वास करने वाले को कभी भय और चिंता नहीं हो सकती