
विधानसभा के शीत सत्र में आएगा इन्वेस्टमेंट प्रोमोशन अथारिटी पर कानून
शिमला - हिमाचल प्रदेश में इन्वेस्टमेंट प्रोमोशन अथारिटी के गठन के लिए सरकार विधानसभा के शीतकालीन सत्र में कानून लाएगी। यह अथारिटी कानून के दायरे में होगी, ताकि इसे अलग से स्वायत्ता मिले और इसका काम आसान हो जाए। यह अथारिटी सिर्फ यहां पर निवेश को लाने और निवेशकों से चर्चा का काम करेगी। इसमें आईएएस अधिकारी को तैनात किया जाएगा, जिसके अधीन निजी क्षेत्र के लोग लगाए जाएंगे। अलग से एक संस्था होने से यहां पर निवेश के मामले में ज्यादा काम हो सकेगा जोकि अभी वर्तमान सरकार महकमे नहीं कर पाएंगे। इन्वेस्टर मीट के बाद अब सरकार ने आगे की सोचनी शुरू कर दी है। आंध्र प्रदेश में इस तरह की अलग अथारिटी बनाई गई है, जो वहां पर केवल निवेश पर काम करती है। इसी तरह से हिमाचल में भी अलग विंग हो तो निवेश में आसानी होगी। सरकार ने 93 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा के निवेश को एमओयू कर लिए हैं, लेकिन अब चुनौती इनको धरातल पर उतारने की है। ऐसे में सरकार का उद्योग महकमा इस काम को पूरी तरह से नहीं कर पाएगा, क्योंकि उसके पास और भी दूसरे काम हैं और आधारभूत ढांचा पहले से चल रहे कार्यों में जुटा है। इसलिए सरकार को जरूरत है कि ऐसा विंग हो जो सिर्फ इस काम को करे। सूत्रों के अनुसार विधानसभा के शीतकालीन सत्र में इससे संबंधित कानून लाया जाएगा और अथारिटी के लिए नियम तय किए जाएंगे।
जयराम ठाकुर ने धर्मशाला में किया था ऐलान
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर धर्मशाला में इन्वेस्टमेंट प्रोमोशन अथारिटी को बनाने का एलान कर चुके हैं, जिस पर अधिकारियों ने सोचना शुरू कर दिया है। इसका खाका जल्द ही सरकार के सामने लाया जाएगा, जिसे केबिनेट में मंजूरी दिलाने के साथ अगले महीने होने वाले विधानसभा सत्र में लाया जाएगा।