
संतोषगढ़—वर्ष 2007 में कस्बा संतोषगढ़ में हिमाचल व भारत सरकार एवं रोजगार मंत्रालय द्वारा मात्र एक ट्रेड कम्प्यूटर से खोली गई हिम गौरव आईटीआई अपनी कड़ी मेहनत के दम पर 12 वर्षों के अंदर छह ट्रेड और 12 यूनिट चला रही है। हर ट्रेड में कमजोर से कमजोर युवा को भी एक कुशल कारीगर बनाने के उद्देश्य से संस्थान में नई से नई मशीनरी व अधुनिक तरीकों से उसे चलाने की प्रक्रिया के कारण यहां हिमाचल-पंजाब, यूपी, हरियाणा के साथ-साथ अन्य प्रदेशों के छात्र हिम गौरव आईटीआई में दाखिला लेते है। अपनी मैरिट व अनुभव के आधार पर वह साथ ही लगते एनएफएल नेशनल फर्टिलाइजर, बीबीएमबी भाखड़ा व्यास मैनेजमेंट में अपेंटिशिप करते हैं और साथ ही 7200 रुपए प्रतिमाह वेतन मेहनतनामा पाते हैं। हिम गौरव आईटीआई के सैकड़ों युवक हिमाचल व पंजाब सरकार में नौकरी पा चुके हैं। वहीं, सैकड़ों युवक विदेश में रोजगार पा रहे है। इसके अलावा हिम गौरव आईटीआई की प्लेसमेंट शत-प्रतिशत होती है। आईटीआई का संपर्क देश की मल्टीनेशनल कंपनियों, टाटा मोटर्स, मारुति सुजूकी, महिंद्रा एडं महिंद्रा, कोलगेट पामलिव, जिल्ट ब्लेड के निर्माता, क्रिमिका बिस्कुट, नेस्ले इंडियां, प्रीतिका ऑटोकास्ट, हीरो-होंडा, सैमसंग इंडिया व एयरटेल कंपनी के साथ-साथ अन्य कंपनियों से भी है, जो हिम गौरव आईटीआई में बच्चों का साक्षात्कार लेकर उन्हें रोजगार व रहने तथा खाने की सुविधा देती है। वहीं, भारत सरकार ने अपने निरीक्षण के उपरांत हिम गौरव आईटीआई को ऊना जिला की नंबर वन आईटीआई की ग्रेडिंग देते हुए हिम गौरव का गौरव बढ़ाया है। वर्तमान में हिम गौरव में मेकेनिक इलेक्ट्रॉनिक्स के 78, इलेक्ट्रीशियन के 126, फिटर के 63, प्लंबर के 52, वेल्डर के 63, डीजल मेकेनिक के 63 युवाओं को प्रशिक्षण देने का प्रावधान सरकार ने कर रखा है। इसमें आईटीआई पास होने के उपरांत जो प्रमाण पत्र छात्र को मिलेगा, वह राष्ट्रीय व्यवसाय प्रमाण पत्र होगा जो कि सरकारी व निजी क्षेत्र में नौकरी के साथ-साथ विदेश में भी रोजगार के लिए मान्य होगा। हिम गौरव आईटीआई के 25 अनुभवी अनुदेशक ट्रेनियों को ट्रेनिंग दे रहे हंै। हिम गौरव आईटीआई संतोषगढ़ आज किसी पहचान की मोहताज नहीं है। यहां से पिछले करीब दस सालों में आईटीआई पास करके निकले युवक-युवतियां देश में ही नहीं बल्कि विदेश में भी रोजगार पा चुके हंै। इसमें देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का स्किल इंडिया के सपने को हिम गौरव ने चार चांद लगा दिए हंै। हिम गौरव आईटीआई संतोषगढ़ के निदेशक सतीश जोशी ने कहा कि हिम गौरव आईटीआई के आईटीआई पास युवक आज इतने होनहार व अनुभवी कारीगर बन गए हंै कि वे अपने कारखाने लगाकर सैकड़ों युवाओं को रोजगार दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि आजकल स्किलस आईटीआई युवकों को हर क्षेत्र में प्राथमिकता के आधार पर मान्यता मिल रही है। इसके अलावा आईटीआई में सभी कोर्स दसवीं कक्षा के आधार पर कर दिए गए हैं तथा जो छात्र दसवीं कक्षा के बाद दो वर्षीय आईटीआई टे्रड पूर्ण करता है उसके लिए भारत सरकार ने मात्र तीन पेपर देकर जमा दो का प्रमाण पत्र जारी करने की घोषणा पिछले सालों से कर दी है।