
राजेश कुमार चौहान
हरियाणा के सोनीपत में 11वीं कक्षा के एक छात्र ने अपनी अंग्रेजी की अध्यापिका पर चाकू से हमला कर दिया। यह घटना बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है। ऐसे में शिक्षक अपने विद्यार्थियों को सही मार्ग पर लाने के लिए कैसे सख्ती दिखा पाएंगे? बच्चों और विद्यार्थियों को जिंदगी के सही मार्ग की ओर अग्रसर करने के लिए प्यार के साथ थोड़ी सख्ती भी जरूरी है। यहां सवाल यह उठता है कि आखिर क्यों बच्चे उग्र हो रहे हैं? क्यों इनमें सहनशीलता की कमी आ रही है? बच्चों के पथभ्रष्ट होने का कारण अच्छे संस्कारों की कमी या बिलकुल न होना और शिक्षा प्रणाली में कुछ दोष आना भी है। एक समय था, जब कोई अध्यापक दूर से भी दिख जाता था, तो शिष्य अपना रास्ता बदल लेते थे, लेकिन आज अध्यापकों के सामने भी कुछ विद्यार्थी ऐसे चौड़ी छाती करके निकलते हैं, जैसे वह अध्यापक नहीं, बल्कि उनके दुश्मन हों। इसलिए घर-परिवार व विद्यालयों का ध्येय आदर्श व सभ्य बच्चे बनाना होना चाहिए।