

निर्वासित तिब्बत सरकार के लिए गुरुवार का दिन बड़ा एवं ऐतिहासिक रहा। दशकों की मेहनत के बाद आखिरकार निर्वासित तिब्बत सरकार के राष्ट्रपति डा. लोव सांग सांग्ये की व्हाइट हाउस में यूएसए के उच्च अधिकारियों के साथ पहली बैठक हो गई। इस दिन का निर्वासित सरकार के प्रतिनिधि वर्षों से इंतजार कर रहे थे। गुरुवार को व्हाइट हाउस में गंभीर मुद्दे तिब्बत की स्वायत्तता व चाइना की पॉलिसी पर गहन मंत्रणा हुई। पिछले दो सप्ताह से अमरीका दौरे में गए निर्वासित तिब्बती सरकार के राष्ट्रपति डा. लोबसांग सांग्ये ने गुरुवार को व्हाइट हाउस में अमरीकी सरकार के मुख्य अधिकारियों के साथ बैठक की। इस दौरान डा. सांग्ये और अमरीका के अधिकारियों के बीच तिब्बत की स्वायत्तता व चाइना पॉलिसी पर चर्चा हुई।
बैठक के बाद सांग्ये ने कहा कि व्हाइट हाउस में इस बैठक को लेकर वह कई सालों से प्रयास कर रहे थे और आज उनका ये प्रयास कामयाब हुआ है। उन्होंने कहा कि विश्व भर में रह रहे तिब्बती समुदाय के लोगों के लिए यह गर्व की बात है कि संयुक्त राज्य अमरीका ने न केवल तिब्बती सरकार को निर्वासन के दौरान उनकी स्वायत्तता के सवाल को मान्यता दी है, बल्कि चाइना पॉलिसी को भी गलत ठहराया है। उनका मानना है कि विश्व भर में कोरोना जैसी बीमारी फैलना भी चीन की नीति का ही हिस्सा रही होगी। चीन के वुहान में उत्पन्न कोरोना वायरस के प्रसार के बाद हुआ है, जिसने बड़े पैमाने पर स्वास्थ्य, आर्थिक और भू-राजनीतिक अनिश्चितता पैदा की है। इस पर वाशिंगटन अपनी चीन नीति पर फिर से विचार कर रहा है।
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