

ब्यूनस आयर्स — अर्जेंटीना के महान फुटबॉल खिलाड़ी डिएगो माराडोना को ब्यूनस आयर्स के समीप बेला विस्ता में सुपुर्द-ए-खाक कर दिया गया। टीएन ब्रॉडकास्टर के अनुसार माराडोना को उसी कब्रिस्तान में सुपुर्द-ए-खाक किया गया है जहां उनके माता-पिता को दफनाया गया था। माराडोना का बुधवार को 60 वर्ष की उम्र में दिल का दौरा पडऩे से निधन हो गया। माराडोना की ब्रेन सर्जरी हुई थी और उनकी मौत से दो दिन पहले ही उन्हें अस्पताल से छुट्टी दी गई थी।
ब्यूनस आयर्स में गुरुवार को माराडोना को सुपुर्द-ए-खाक किए जाने के दौरान हिंसा की कुछ घटनाएं हुई और कम से कम नौ लोगों को हिरासत में लिया गया। इन घटनाओं में मीडियाकर्मियों समेत कुछ लोग घायल भी हुए हैं। फुटबॉल के जादूगर अर्जेंटीना के लीजेंड फुटबॉलर डिएगो माराडोना को उनके प्रशंसकों ने आंसुओं के सैलाब में गुरुवार को अंतिम विदाई दी। 1986 फीफा विश्वकप में अर्जेंटीना को खिताबी जीत दिलाने में अहम योगदान अदा करने वाले माराडोना का बुधवार को दिल का दौरा पडऩे से निधन हो गया था।
वह 60 वर्ष के थे। उनके अकास्मिक निधन से दुनियाभर में खेल प्रशंसक सहित खेल जगत की तमाम हस्तियां स्तब्ध रह गयी और सभी ने उन्हें अपनी श्रद्धांजलि दी। माराडोना को ब्यूनस आयर्स शहर के बाहर बेला विस्ता कब्रिस्तान में दफनाया गया जहां उनके माता-पिता को भी दफनाया गया था। कोरोना वायरस के कारण इसमें उनके परिवार के सदस्य और करीबी मित्र शामिल हुए। माराडोना के निधन के बाद अर्जेंटीना में तीन दिन के राष्ट्रीय शोक की घोषणा की गयी थी।
अपने चहेते खिलाड़ी को अंतिम विदाई देने के लिए कोरोना की चिंता किए बिना हजारों लोगों की भीड़ सड़क पर मौजूद थी। उनके अंतिम दर्शन के लिए लगभग एक किलोमीटर लंबी लाइन लगी थी। बढ़ती भीड़ को देखते हुए जब पुलिस ने पैलेस बंद करने की कोशिश की तो माराडोना के भावुक प्रशंसक और पुलिस के बीच हिंसक झड़प हुई।
माराडोना के ताबूत को अर्जेंटीना के राष्ट्रीय ध्वज और फुटबॉल जर्सी में लपेटा गया जिसपर नंबर 10 लिखा था। उल्लेखनीय है कि माराडोना जब तक फुटबॉल खेले उन्होंने 10 नंबर की जर्सी ही पहनी। उनके पार्थिव शरीर को आखिरी दर्शन के लिए वहां के राष्ट्रपति भवन में रखा गया था।
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